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चूहे की हत्या के आरोपित पर 30 पेज की चार्टशीट दाखिल

चूहे की हत्या के आरोपित पर 30 पेज की चार्टशीट दाखिल


बदायूं : कभी चूहा भी मारा है..! इस कहावत को अब तंज तक सीमित मत रखिए। मनोज नें पांच महीने पहले चूहा मारा था,वो ऐसे कानूनी शिकंजे में फंसा का माथे पर पसीना है।-उसके विरुद्ध 30 पेज का आरोप पत्र (चार्जशीट ) तैयार किया गया, जो कि बता रहा कि किस तरह पशु क्रूरता की गई।यह आरोप पत्र पिछले सप्ताह कोर्ट में दाखिल कर दिया।अब इस प्रकरण की सुनवाई शुरू होगी।

    पनवडिया निवासी मनोज कुमार नें पिछले वर्ष 28 नवंबर को एक चूहा रस्सी से बांधा और नाले में डुबोकर मार डाला था। उस समय राह गुजर रहे पशु प्रेमी विकेंद्र शर्मा ने वीडियो बनाते हुए उसे रोकने का प्रयास किया तो मनोज उग्र हो गया। कहने लगा था कि चूहीं ने घर में काफी नुकसान कर दिया, तय क्षतिपूर्ति करने नहीं आए? नाले में डूबा चूहा निकाल कर विकेंद्र थाने गए और प्राथमिकी लिखाई थी। उसके विरुद्ध धारा 11 (1) (एल) यानी पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम और धारा 429 यानी पशु की हत्या या अपाहिज करने का आरोपित बनाया गया था। उस समय प्रकरण गरमाने पर मनोज दबाव में आया और पांच दिन बाद कोर्ट पहुंचकर कहा कि समर्पण करने आया हूँ। उसे कुछ देर बाद अग्रिम जमानत दे दी गई। सीओ सिटी आलोक मिश्रा ने बताया कि चूहे के मामले की विवेचना पूरी होने के बाद विवेचक ने सभी साक्ष्य एकत्र कर चार्जशीट तैयार कर कोर्ट में दाखिल कर दी है। इसमें आरोपित को पशु क्रूरता अधिनियम व धारा 429 को दोषी बनाया गया है। अब आगे की कार्रवाई कोर्ट तय करेगा। 

चूहे का पहला पोस्टमार्टम,पहली चार्जशीट : 

चूहे के शव का बरेली स्थित भारतीय पशु चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान में पोस्टमार्टम कराया गया था। जिसमें पाया गया कि फेफड़ों में पानी भरने से उसकी मृत्यु हुई है।




30 पेज की चार्जशीट में लिखा :-


     विवेचक राजेश यादव ने 30 पेज की चार्जशीट में घटना की प्रत्येक कड़ी को जोड़ा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से लेकर प्रसारित हुए वीडियो तक को साक्ष्य बनाया। उन्होंने लिखा कि मनोज पशु क्रूरता, पशु हत्या में आरोपित पाया गया है।




यह है सजा का प्रविधान :-


        कानून के जानकार कहते हैं कि पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के मामले में 10 रुपये से लेकर दो हजार रुपये तक का जुर्माना और तीन साल तक की सजा का प्रविधान है। धारा 429 के अंतर्गत पांच साल तक की सजा और जुर्माना दोनों का प्रविधान
है। पुराने मामलों का संदर्भ देकर बताया कि पशु क्रूरता अधिनियम के अधिकतर मामलों में जुर्माना ही लगा है। इस बार चूहे की हत्या का प्रकरण पहली बार सामने आया है।





चूहे की हत्या आरोपित पर 30 पेज की चार्टशीट दाखिल

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